नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि संविधान (130वां संशोधन) बिल, 2025 जरूर पास होगा, भले ही विपक्ष इसका तीखा विरोध कर रहा हो।
इस बिल में प्रस्ताव है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री गंभीर अपराध के तहत 30 दिन तक लगातार हिरासत में रहता है, जिसकी सजा पांच साल या उससे ज्यादा हो तो उसे अपने पद से हटना होगा।
शाह ने कहा कि यह बिल “संवैधानिक नैतिकता” और जनता के भरोसे को बनाए रखने के लिए है। ये सत्ताधारी पार्टी सहित सभी नेताओं पर समान रूप से लागू होगा।
अमित शाह ने बिल का बचाव करते हुए कहा कि यह किसी खास पार्टी या नेता को निशाना बनाने के लिए नहीं है।
उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस और विपक्ष के कई लोग “नैतिकता का समर्थन” करेंगे और इस बिल को पास करने में साथ देंगे। बिल को विस्तृत जांच के लिए 31 सदस्यों वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया है, जो इस पर सुझाव देगी।
‘नैतिकता की जीत होगी’
अमित शाह ने कहा, “मुझे पूरा यकीन है कि यह बिल पास होगा। कांग्रेस और विपक्ष में कई लोग नैतिकता का समर्थन करेंगे और नैतिक आधार बनाए रखेंगे।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने खुद इस बिल में पीएम के पद को शामिल किया है। पहले इंदिरा गांधी ने 39वां संशोधन लाकर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और स्पीकर को अदालती जांच से बचाया था। लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने अपने खिलाफ संवैधानिक संशोधन लाया है कि अगर प्रधानमंत्री जेल जाता है, तो उसे इस्तीफा देना होगा।”















