न्यूज डेस्क, रायगढ़। नगर नगर निगम की उदासीनता और लेट लतीफी के चलते इस बारिश में भी शहर की सड़कों का निर्माण नहीं हो पाएगा। राज्य शासन ने सड़कों के निर्माण के लिए 25 करोड रुपए दिया है, नालियों का निर्माण संधारण और अन्य कार्यों को मिलाकर लगभग 57 करोड़ के काम नगर निगम क्षेत्र में होने हैं लेकिन विडंबना कही जाएगी कि नगर निगम इन कार्यों के लिए पिछले 3 महीने में टेंडर ही नहीं कर पाया। बारिश सिर पर है ऐसे में फिर से यह काम शुरू नहीं हो पाएंगे। ऐसे में विपक्ष में बैठी भाजपा शहर सरकार की लापरवाही और लतीफी पर सवाल उठा रही है।
दरअसल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शहर में सड़कों के निर्माण के लिए 25 करोड़ की स्वीकृति दी थी। लेकिन प्रदेश में सत्ता बदलते ही नई सरकार ने गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए इन कार्यों के टेंडर को निरस्त कर दिया। नगर निगम से नए सिरे से सड़कों के निर्माण और संधारण के लिए प्रस्ताव मांगा गया था। नगर निगम ने शहर के कार्मेल स्कूल रोड, ढिमरापुर रोड, शहीद चौक, चक्रधर नगर, जुट मिल रोड, शनि मंदिर रोड, स्टेशन चौक जैसे 12 महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। शहर में तकरीबन 17 किलोमीटर की सड़कों का निर्माण होना था। इसके लिए 25 करोड रुपए स्वीकृत किए गए थे। लेकिन नगर निगम ने समय पर टेंडर ही नहीं किया। आलम यह है अब बारिश में निगम ने टेंडर काल करना शुरू किया है। जानकारों का कहना है टेंडर प्रक्रिया में ही 2 से 3 महीने लग जाएंगे ऐसे में इस बारिश भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मामले में विपक्ष में बैठी भाजपा लेट लतीफी के लिए शहर सरकार को दोषी ठहरा रही है। भाजपा का कहना है कि नहीं सरकार ने राशि स्वीकृत कर दी लेकिन निगम के अधिकारी शहर विकास को लेकर गंभीर नहीं है। अगर समय पर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई होती तो सड़कों का निर्माण समय पर हो जाता। निगम की लापरवाही के चलते इस बारिश भी लोगों को गड्ढों और कीचड़ भरी सड़कों में चलने को विवश होना पड़ेगा। इधर मामले में मेयर सफाई दे रही है। मेयर जानकी काटजू का कहना है कि आचार संहिता की वजह से काम में देरी हुई है। जरूरी सड़कों के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया कर ली गई है। ज्यादातर निर्माण सीसी रोड का है ऐसे में बारिश में निर्माण में दिक्कतें नहीं आएगी। निर्माण एजेंसी को समय पर काम पूरा करने के लिए निर्देशित किया गया है।