खानापूर्ति न साबित हो जाए नगर निगम का नया परिसीमन
पार्षद पुरानी त्रुटियों को सुधारने की कर रहे मांग
न्यूज डेस्क, रायगढ़। राज्य शासन ने भले ही निकायों के नए सिरे से परिसीमन के निर्देश दिए हैं लेकिन रायगढ़ नगर निगम में इस बार परिसीमन का ज्यादा असर नहीं होगा। अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा है कि नई जनगणना नहीं होने की वजह से जनसंख्या और मतदाता सूची में व्यापक अंतर आ रहा है। चुनावी वर्ष में वार्डों की भौगोलिक सीमा में जोड़ तोड़ के लिए समय कम होने की वजह से निगम क्षेत्र में आंशिक परिसीमन ही होगा। लिहाजा वार्डों की संख्या यथावत रहेगी। दरअसल राज्य शासन ने चुनाव के पहले सभी निकायों को नए सिरे से परिसीमन करने के निर्देश दिए हैं। निर्देश में भी ये भी कहा गया है कि निकायों में जरुरत पड़ने में वार्डों की संख्या घटाई बढाई जा सकती है। रायगढ़ नगर निगम में लंबे समय से वार्डों की संख्या बढाने की मांग की जा रही थी। ये भी मांगें थी कि शहर से लगे गावों को निगम की सीमा में शामिल करते हुए पुराने परिसीमन की त्रुटियों को भी सुधारा जाए। लेकिन रायगढ़ नगर निगम में इस बार परिसीमन के दौरान आंशिक परिवर्तन ही होगा। निगम कमिश्नर सुनील चंद्रवंशी का कहना है कि शहर में जनसंख्या काफी बढ चुकी है लेकिन जनगणना नहीं होने की वजह से निगम के पास पुराने आंकड़े ही हैं। लिहाजा वार्डों का नए सिरे से विभाजन संभव नही होगा। अधिकारियों का कहना है कि वार्डो में जरुरी त्रुटियों को सुधारते हुए पुरानी संख्या के आधार पर ही चुनाव होगा।
इधर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्षदों ने इस पर विरोध दर्ज कराया है। भाजपा पार्षदों ने निगम कमिश्नर के पास लिखित में इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई है। भाजपा का कहना है कि निगम के वार्डों के विभाजन में व्यापक त्रुटियां हैं। लिहाजा पार्षद लंबे समय से परिसीमन की मांग कर रहे थे। पार्षदों ने अधिकारियों के इस निर्णय पर लिखित आपत्ति दर्ज कराई है। इधर कांग्रेस पार्षदों ने भी वार्डों की सीमाओं में त्रुटियों को सुधारने की मांग की है। कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि वार्डों की सीमाओं का बंटवारा पूर्व में त्रुटिपूर्वक किया गया है। लिहाजा इसे सुधारना चाहिए। लेकिन राज्य शासन परिसीमन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है।